अण्डे और मीट में मिलावट (ADULTERATION IN EGGS & MEAT PRODUCTS)


7.1. मिलावटी अण्डे की पहचान 
(Identification of Pure Country eggs,(Desi Anda), Broiler egg and Chemical egg):

अपने देश में तीन तरह के अण्डे मिलते है। 
देशी अण्डा - प्रोटीन से भरा हुआ होता है अण्डा आकर में छोटा और हल्के लाल रंग का होता हैकुछ सफ़ेद भी होते है लेकिन छोटे ही रहते है जो की भारत के गाँवो में और छोटे क़स्बे में मिल जाता है। ज्यादा तर लोग इसे अपने प्रयोग के लिए ही मुर्गी को पालते है। लेकिन आज- कल बॉयलर अण्डे को चाय से रंग कर शहरों के मॉल और सुपर मार्किट में बेचते      है देशी अण्डा बता केजो महंगा होता है।  
असली और नकली अण्डे की पहचान 

  • देसी अण्डा पहचानने का तरीका - चाय की पत्ती से रंगे गये अण्डे को जब आप उबालेंगे तो चाय की पत्ती का रंग निकलकर पानी में आने लगता है जिससे पानी का रंग हल्के चाय की पत्ती की तरह दिखाई देता है। 
  • बायलर या हाइब्रिड चिकन अण्डा - ये अण्डे मुर्गीयो को हॉर्मोन्स के इन्जेक्शन लगा के पैदा किये जाते हैइसमें मुर्गे का कोई योगदान नहीं होताइन अण्डो को चाय की पत्ती से रंग के देशी अण्डे की भाँति दिखाया जाता है। 
  • केमिकल एग - ये चीन के बने हुए अण्डे होते है जिसकी बाहरी खोल (shell ) कैल्शियम कार्बोनेट की बनी होती हैअण्डे की जर्दी और अण्डे की सफ़ेदी सोडियम एल्गिनेट (sodium alginate), एलम (Alum), जेलेटिन (gelatin), कैल्शियम क्लोराइड (eatable calcium chloride), रंग (color) से बनी होती है। 
  • केमिकल एग  और ब्रायलर अण्डे की पहचान :
  • केमिकल एग हल्का चमकीला होता हैब्रायलर अण्डे की तुलना में। 
  • केमिकल एग की सतह खुरदुरी होती है।  
  • केमिकल एग को हिलाने पर आवाज आती है। 
  • ब्रायलर एग की महक कच्चे मांस की तरह आती है।  
  • जब हम केमिकल एग को फ्राई करते है तो जर्दी बिना फैलाये ही अपने आप फ़ैल जाती है। 
मिलावट का कारण : बस केवल ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए व्यापारी अपने ही देश वासियो की सेहत के साथ खेल रहे है। 


स्वास्थ हानि : केमिकल एग खाने सेशरीर के अंदर ज़हरीले तत्व बनते है जिससे ढेर सारी बीमारिया हो सकती है।  

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